पादप वृद्धि एवं परिवर्धन
पादप वृद्धि की प्रावस्थाएँ यह मुख्यत: तीन चरणों में बटाँ हुआ है। विभज्योतिकी कोशिका दीर्घीकरण विभेदन 1. विभज्योतिको चरण: इस चरण में कोशिकाएँ मूल शिखाग्र तथा प्ररोह शिखाग्र में लगातार विभाजित होती रहती हैं। 2. कोशिका दीर्घीकरण : विभज्योतिकी के पीछे दीर्घन प्रदेश में नई कोशिकाएँ लग्बाई तथा चौड़ाई में बढ़ती हैं। 3. विभेदन : यह दीर्घन क्षेत्र के ठीक नीचे स्थित होता है। यहाँ की कोशिकाएं अपने अन्तिम आकार को प्राप्त करने के साथ-साथ कई प्रकार के जटिल एवं सरल ऊतकों में विभेदित होती है, विभेदन क्षेत्र कहलाता है। वृद्धि की परिस्थितियाँ इसका विवरण निम्नलिखित है: जल : वृद्धि होने से लिए आवश्यक एन्जाइम की क्रियाशीलता के लिए जल एक माध्यम उपलब्ध करता है। ऑक्सीजन : श्वसन क्रिया द्वारा ऑक्सीजन की उपस्थिति में उपापचयी ऊर्जा मुक्त होती है। पोषक तत्व : पोषक जीवद्रव्य के संश्लेषण तथा ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। प्रकाश : सूर्य के प्रकाश में हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं। ताप : प्रत्येक पादप जीव की वृद्धि के लिए ताप अनिवार्य है। गुरुत्व : गुरुत्व के द...