कोशिका: जीवन की ईकाई
कोशिका( The cell)- कोशिका सभी जीवों की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक ईकाई है, कोशिका का कोई निश्चित आकार नहीं होता है, यह विभिन्न आकार की हो सकती है। जैसै गोलाकार अंडाकार आदि।
ऊतक- समान कार्य व समान समान संरचना वाले कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।
कोशिका की खोज- राबर्ट हुक ने 1665 ई. में की थी। इन्होंने ही सर्वप्रथम कोशिका भित्ति की खोज की।
प्रोकैरियोटिक तथा यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर
कोशिका झिल्ली के कार्य
इसके कार्य निम्न हैं
1. पारगम्यता( permeability)- कोशिका झिल्ली की प्रकृति अर्धपारगम्य या विभेदी पारगम्य या चयनात्मक पारगम्य होती है।
यह केवल केवल कुछ विशेष आकारों तक के ही अणुओं को अपने आर-पार होने देती है।
2. निष्क्रिय अभिगमन (passive transport)- इस प्रकार के अभिगमन में बिना ऊर्जा खर्च किए कुछ आयन पानी के अणु आदि कोशिका झिल्ली से होकर सीधे ही अंदर या बाहर आ सकते हैं।
3.सक्रिय अभिगमन(Active transport)- इस प्रकार के अभिगमन में कोशिका झिल्ली में उपस्थित विभिन्न प्रकार के वाहक अणुओं द्वारा ऊर्जा का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार की अणुओं को उनकी सांद्रता विभव के विपरीत दिशा में स्थानांतरित किया जाता है।
4. भक्षाणू क्रिया- इस क्रिया में कोशिका झिल्ली द्वारा बाह्रय ठोस पदार्थों का भक्षण किया जाता है।
5. पिनोसाइटोसिस (pinocytosis)- कोशिका झिल्ली द्वारा तरल पदार्थों को ग्रहण करने की क्रिया को पिनोसाइटोसिस कहते हैं।
माइट्रोकांड्रिया के कार्य –
माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का उर्जा गृह कहते हैं क्योंकि इसमें आवसीश्वसन के फल स्वरुप एटीपी के रूप में ऊर्जा मुक्त होती है।
माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स में क्रेबस चक्र से संबंधित विभिन्न एंजाइम पाए जाते हैं। यहीं पर क्रेब्स चक्र अभिक्रिया संपन्न होती है।
माइक्रोबॉडीज (Microbodies)
इनका निर्माण अंतः प्रदयी जालिका एवं गाल्जीकाय के थैलियों के टूटने से होता है। ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:-
परऑक्सीसोम्स
ग्लाइऑक्सीसोम्स
स्फीरोसोम्स
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