Ans 16.

 


मानलो एक घनाकार खोखला बर्तन है जिसकी प्रत्येक कोर की लम्बाई 1 है। इस बर्तन में एक आदर्श गैस भरी है जिसके प्रत्येक अणु का द्रव्यमान m है।




मानलो कोई अणु PK दिशा में वेग से गति कर रहा है। इस वेग को तीन घटकों u,v और w जो क्रमश: X- अक्ष, Y-अक्ष और Z अक्ष के समान्तर है, में वियोजित किया जा सकता है।

इस प्रकार, C2 = u2 + v2 + w2

माना कि बर्तन के दो फलक A और B, x अक्ष के लम्बवत् है। यदि यह अणु फलक A पर u वेग से टकराता है, तो टक्कर पूर्णतः प्रत्यास्थ होने के कारण यह (-u) वेग से वापस लौट जाएगा।

टक्कर के पहले अणु का संवेग = mu

तथा टक्कर के पश्चात् अणु का संवेग = -mu

अतः टक्कर के कारण अणु के संवेग में परिवर्तन = - mu- (-mu) = 2mu

यह अणु A से B तक पहुँचने तथा B से A तक पुनः वापस आने में 2l दूरी तय करेगा।

अणुओं की 2l दूरी तक करने में लगा समय 2l/u (समय दूरी/ वेग)

स्पष्ट है कि 2; दूरी तय करने के पश्चात् अर्थात् 2l/u समय के पश्चात् वहीं अणु पुनः फलक A पर टकरायेगा। समय

अतः प्रति सेकण्ड फलक A पर टक्करों की संख्या



(अर्थात् फलक A पर संवेग परिवर्तन की दर)

परन्तु न्यूटन के गति के द्वितीय नियमानुसार, संवेग परिवर्तन की दर अणु द्वारा उस फलक पर आरोपित बल के बराबर होगी।



जहाँ w1, w2, w3 ... गैस के अणुओं के वर्गों के Z- जहाँ अक्ष की दिशा में घटक है। परन्तु गैस द्वारा सभी दिशाओ में आरोपित दाब समान होता है।

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